उन्नाव में दो ट्राली पराली के बदले प्रशासन दे रहा एक ट्राली खाद
कानपुर और उन्नाव में गोशालाओं के लिए पराली खरीद रहा प्रशासन . देश के लिए नजीर बन सकती है पराली को लेकर उप्र की पहल .

लखनऊ। पराली जलाने की गंभीर समस्या से राष्ट्रीय स्तर पर जल्द निजात मिलने की उम्मीद जग गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश में हो रहे काम राष्ट्रीय स्तर पर नजीर बन सकते हैं। यूपी के दो जिलों में करीब पांच हजार कुंतल पराली किसानों से जिला प्रशासन ने लिए हैं। उन्नाव में जिला प्रशासन किसानों को दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दे रहा है।
मुख्यमंत्री के इस ट्विट के बाद धरातल पर असर दिखना शुरू हो गया। कानपुर देहात में तीन हजार कुंतल और उन्नाव में 1675 कुंतल से ज्यादा पराली किसानों से ली गई है। कानपुर देहात के डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि पराली की समस्या को देखते हुए हम किसानों को ग्रामीण स्तर पर जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा हमने तीन हजार कुंतल से ज्यादा पराली किसानों से ली भी है।
उन्नाव डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि हमारे यहां 125 गोशालाएं हैं। इनमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद उपलब्ध है। हम दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दे रहे हैं।
50 से 80 फीसदी तक अनुदान भी दे रही सरकार
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल) ने पराली जलाने को दंडनीय अपराध घोषित किया है। किसान ऐसा न करें, इसके लिए सरकार की ओर से भी जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और किसानों की समस्याओं का निराकरण उनकी प्राथमिकता में है। ऐसे में पर्यावरण में फैल रहे वायु प्रदूषण को कम से कम करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। पराली को लेकर ऐसे कृषि यंत्रों को, जिनसे पराली को आसानी से निस्तारित किया जा सकता है, उन पर सरकार की ओर से 50 से 80 फीसद तक अनुदान भी दिया जा रहा है।