मल्हनी उपचुनाव -16 प्रत्याशियों को सिंबल आवंटित, फिर भी ‘नोटा’ के लिए लगानी पड़ेगी दूसरी ईवीएम

नामांकन पत्र दाखिल कर दे वाले अन्य अगंभीर प्रत्याशियों द्वारा अपने नाम वापस लेने से निर्वाचन प्रक्रिया में लगे अधिकारी और कर्मचारी भी थोड़ी सुविधा महसूस कर रहे हैं। हालांकि मतदान के लिए निर्वाचन अधिकारियों को प्रत्येक बूथ पर अभी भी दो ईवीएम मशीनें लगानी पड़ेंगी, क्योंकि एक ईवीएम मशीन में सिर्फ 16 प्रत्याशियों के कालम होने के कारण ‘नोटा’ बटन की सुविधा के लिए दूसरी मशीन भी प्रत्येक मतदेय स्थल पर रखना होगा। निर्वाचन प्रावधानों के कारण मतदाताओं को कोई प्रत्याशी पसंद ना आने पर उसके सामने “इनमें से कोई नहीं” यानी नोटा चुन कर उसके सामने का बटन दबाने का संवैधानिक अधिकार है, इसलिए ऐसा करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश की सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके निवर्तमान मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। दो बार से इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है। पारसनाथ यादव की मजबूत पकड़ और जिले में अपनी बिरादरी का छत्रप होने के कारण भरपूर कोशिशों के बावजूद इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी। लेकिन पारसनाथ यादव के न रहने के कारण बदली हुई स्थितियों में भाजपा इस सीट को अपना बनाने की पूरी कोशिश में है इसके लिए पार्टी ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। इसी सीट के लिए पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनौती दे रहे हैं। वे जौनपुर संसदीय क्षेत्र से एक बार सांसद और इसी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं।